ट्वीट में ‘नाराजगी’ जताई और ‘कर्तव्य’ की दी दुहाई

नई दिल्ली : विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने सोमवार को यहां पाकिस्तानी उच्चायोग में उस देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया। वह समारोह में ऐसे समय में शामिल हुए जब पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है कि भारत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से उनकी बातचीत के खिलाफ नहीं है। सिंह समारोह में करीब 15 मिनट तक रहे। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद नहीं है।
पाकिस्तान उच्चायोग में सोमवार रात हुए राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में सरकार का प्रतिनिधित्व करने के कुछ देर बाद विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कई ट्वीट कर अपनी ‘नाराजगी’ जताई और ‘कर्तव्य’ की दुहाई देते हुए संकेत दिया कि वह इसके लिए भेजे जाने को लेकर नाखुश हो सकते हैं।
पांच ट्वीट में प्रथम में पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि ‘नैतिक भावना, सिद्धांतों का अपमान करने के लिए। ’ इसके ठीक बाद दूसरे ट्वीट में कहा गया, ‘खीझने के लिए या नफरत से भरने के लिए।’ तीसरे ट्वीट में कहा गया, ‘‘एक काम या सेवा आवंटित किया गया।’ जबकि चौथे में कहा गया, ‘ एक ताकत जो एक व्यक्ति को नौतिक या कानूनी रूप से उसके दायित्वों से बांधती है।
वहीं, आखिरी ट्वीट में कहा गया, ‘एक काम या कार्य जो एक व्यक्ति नैतिक या कानूनी कारणों से करने को बाध्य है।’ इससे पहले, कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सिंह ने आज रात संवाददताओं को बताया कि उन्हें सरकार ने कार्यक्रम में उसका प्रतिनिधित्व करने को कहा था।
उन्होंने कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘भारत सरकार को एक राज्य मंत्री को भेजना था। उन्होंने मुझे भेजा और मैं वहां गया और वापस आया।’ यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें कार्यक्रम में शरीक होने को कहा था, उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार ने मुझे वहां जाने को कहा।’ पूर्व सेनाध्यक्ष सिंह ने इस समारोह में हिस्सा लिया जहां विभिन्न कश्मीरी अलगाववादियों जैसे.. मीरवाइज उमर फारूक, सैयद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक ने भी हिस्सा लिया।
सिंह के आज पाकिस्तानी उच्चायोग जाने से एक दिन पहले, रविवार को हुर्रियत नेताओं के पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित से मिलने पर भारत-पाकिस्तान के बीच मतभेद सामने आया और भारत सरकार ने स्पष्ट किया था कि कश्मीर मसले पर किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई जगह नहीं है।
हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज ने अब्दुल गनी भट, मौलाना अब्बास अंसारी, बिलाल गनी लोन, अगा सैयद हसन, मुसादीक आदिल और मुख्तार अहमद वाजा के साथ बीती रात बासित से वार्ता की थी।
बासित ने उन्हें पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस पर आमंत्रित किया था
बासित ने कहा कि भारत इन मुलाकातों के खिलाफ नहीं है। हालांकि, भारत ने इसके जवाब में कहा, ‘भारत सरकार खुद के लिए बात करने को वरीयता देती है।’