
नई दिल्ली: घर के सपने से लेकर दूध-सब्जी के लिए राजधानी के लोग मोहताज हो सकते हैं और इसकी वजह है एनजीटी का वो आदेश जिसमें एनसीआर में 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर बैन से लेकर नोएडा एक्सटेंशन और गुड़गांव में बिल्डरों को लेकर नियम बेहद सख्त कर दिए हैं। जिसके बाद कल आधी रात से ट्रांसपोर्ट्स ने बेमियादी हड़ताल की धमकी दी है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से NGT ने दो बड़े और कड़े फैसले लागू करने का आदेश दिया। पहला आदेश ये दिया कि जो बिल्डर निर्माण कार्य में नियमों की अनदेखी कर रहे हैं ऐसे प्रोजेक्ट सील किए जाए। अपने दूसरे आदेश में NGT ने पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर रोक लगा दी। इसका नतीजा ये हुआ कि नोएडा समेत पूरे एनसीआर में कई प्रोजेक्टों के लटकने का खतरा पैदा हो गया है। वहीं ट्रांसपोर्टरों ने सोमवार रात से हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इन दोनों ही फैसलों से दिल्लीवालों की आफत आ सकती है। एक तरफ उनके घर का सपना लटक सकता है तो वहीं फल-सब्जी और दूध की सप्लाई पर मंगलवार से असर पड़ सकता है।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की चेतावनी के बाद केजरीवाल सरकार हरकत में आ गई है। केजरीवाल इस वक्त ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के नेताओं से मिल रहे हैं। लेकिन ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि वह हड़ताल पर जाने के लिए तैयार है। एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद नोएडा ऑथोरिटी ने बिल्डरों को नोटिस जारी कर दिया है। अब अगर एनजीटी के तय मानकों का उल्लंघन होता है तो बिल्डरों पर सोमवार से शिकंजा कसना तय है। ताजा खबर ये है कि नोएडा में कई प्रोजेक्ट सील हो सकते हैं। अब इस माहौल में आज नोएडा में निवेशक भी सड़क पर उतरने वाले हैं।