जौनपुर। संसार में आज अनुमान के आधार पर ईश्वर की भक्ति हो रही है जिसमें मन में हमेशा शायद के भाव बने रहते हैं कि परमात्मा यहां है या वहां। ऐसा हैं या वैसा। इससे मन में एक भ्रम भी बना रहता है। मानव का जीवन अज्ञानता के अंधकार से बोझिल रहता है तथा व्यर्थ व्यतीत होता है। ऐसे में यथार्थ जीवन वही होता है जो ज्ञान पर आधारित हो। उक्त उद्गार पूविवि स्टेडियम के मैदान पर आयोजित विशाल निरंकारी संत समागम में एकत्रित जनसमूह के बीच अमृत वचनों की वर्षा करते हुये निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने व्यक्त किया। बाबा जी ने कहा कि हीरे जैसे जन्म को कौड़ी के मोल न गंवायें। इन सांसों का कोई भरोसा नहीं। संत समागम में बाबा जी का दर्शन करने व उनका आशीर्वचन सुनने के लिये भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी जहां उनके जयघोष से पूरा वातावरण निरंकारीमय रहा। निरंकारी सेवादल के भाई-बहनों ने पूरी व्यवस्था की कमान संभाल रखी थी। देर रात तक चले समागम में ज्ञान भक्ति की गंगा बहती रही जहां लोग झूमते रहे। इस दौरान बाबा जी की माता जी सहित जौनपुर के एसबी सिंह, श्याम लाल साहू, जेएन पाण्डेय, उदय नारायण जायसवाल, शिवनाथ, विनोद पाल सहित हजारों उपस्थित रहे।