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Sunday, 22 March 2015


इस कोड से पता चलेगा कितना खतरनाक है आपका मोबाइल


घंटों आप से चिपककर रहने वाला आपका मोबाइल हैंडसेट आपके लिए कहीं ‘साइलेंट किलर’ तो साबित नहीं हो रहा। चाइनीज समेत कई नामी ब्रांड के ऐसे मोबाइल हैंडसेट की बाजार में भरमार है जिनसे निकलने वाला रेडिएशन मानक से अधिक है। रेडिएशन जांचने के लिए *#07# डायल करें। यह नंबर डायल करते ही मोबाइल स्क्रीन पर रेडिएशन वैल्यू आ जाएगी।
अंतर्राष्ट्रीय एवं भारतीय मानक के अनुसार मोबाइल फोन का रेडिएशन लेवल 1.6 वाट/किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। मगर प्रतिस्पर्धा के दौर में तमाम कंपनियां कम कीमत पर मोबाइल हैंडसेट बाजार में लाने के लिए मानक की अनदेखी कर रही हैं।
सेल्युलर टेलीकम्यूनिकेशन एंड इंटरनेट एसोसिएशन के अनुसार सभी मोबाइल हैंडसेट पर रेडिएशन संबंधी जानकारी देनी जरूरी है। मगर तमाम कंपनियां इसे नजरअंदाज कर रही हैं।
रेडिएशन से होती हैं कई बीमारियां


नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी (निलेट) के सीनियर साइंटिस्ट निशांत त्रिपाठी के मुताबिक मानक से अधिक रेडिएशन वाले इन मोबाइल हैंडसेट से सुनने की क्षमता कम होने से लेकर मानसिक अवसाद समेत कई तरह की घातक बीमारियां होने की आशंका रहती है।
इंडियाज नेशनल स्पेसिफिक एब्जॉर्बशन रेट लिमिट (आईएनएसएआरएल) के अनुसार भी मोबाइल के रेडिएशन का मानक अधिकतम 1.6 वाट प्रति किलोग्राम तक ही होना चाहिए।
विशेषज्ञ के सुझाव
- देर तक लगातार एक कान की तरफ से बात न करें
- चार्ज करने के लिए लगाकर मोबाइल पर बात न करें, इस दौरान रेडिएशन लेवल 10 गुना तक बढ़ जाता है।
- सिग्नल कमजोर हो या फिर बैट्री डिस्चार्ज होने पर भी बात करने से परहेज करें। इस दौरान रेडिएशन लेवल बढ़ जाता है।
- संभव हो तो ज्यादा से ज्यादा हेड फोन का इस्तेमाल करें।

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