चेकिंग के नाम पर उतरवा दिए छात्राओं के कपड़े

मनोज शर्मा
नई दिल्ली। पूरे देश में इस समय बोर्ड एक्जाम चल रहे हैं। बोर्ड एक्जाम के दौरान बच्चों पर कड़ाई करना, उनकी चेकिंग करना आम बात है और जरूरी भी है। पर मध्य प्रदेश में बैतूल के हरदू गांव में चेकिंग के नाम पर शर्मसार करने वाली घटना हुई। स्कूल में चेकिंग के लिए आए उड़नदस्ते ने चेकिंग के नाम पर मासूम आदिवासी लड़के-लड़कियों के कपड़े उतरवा दिए।
छात्राओं का आरोप है तलाशी के नाम पर सरेआम क्लास में ही उनकी सलवार उतरवा दी गई। यहां तक की उनके कपड़ों के अंदर हाथ डालकर चेकिंग की गई। ये शर्मनाक वारदात सरेआम पूरी क्लास के सामने की गई, तलाशी के नाम पर लड़कों को भी नहीं बक्शा गया, लड़कियों के सामने पैन्ट उतारकर उनकी चेकिंग की गई। ये पूरा मामला बीते 17 मार्च का है। जिसकी शिकायत छात्रों और उनके परिजनो ने बीती रात बैतूल पहुंचे नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर वी.के.बाथम से की है।
इस घटना के बाद से छात्रों में बेहद निराशा है और उनके परिजन बेहद आक्रोशित हैं। छात्रों के परिजन इस मामले में जांच की मांग कर रहे हैं। उनके मुताबिक इस तरीके से स्कूली बच्चों को सरेआम बेइज्जत करना कहां का नियम है। लेकिन हमेशा की तरह शायद प्रशासन इस मामले को भी रफा दफा करने के ही मूड में था। लेकिन छात्रों के सरेआम विरोध के बाद कमिश्नर को कार्रवाई का भरोसा देना पड़ा।
एक तरफ बिहार और उत्तर प्रदेश में नकल की ये तस्वीरें और दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में नकल रोकने के नाम पर छात्र-छात्राओं की सरेआम बेइज्जती कई गंभीर सवाल खड़े करती है। जहां एक तरफ शिक्षा के नाम पर बाजार चल रहा है तो दूसरी ओर शिक्षा के नाम पर बेइज्जती।