मेरी सरकार होती तो परीक्षार्थियों को किताब ले जाने की अनुमति दे देता: लालू

पटना : बिहार में मैट्रिक परीक्षा में कदाचार के राष्ट्रव्यापी निंदा के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि अगर उनकी सरकार होती तो वे परीक्षार्थियों को परीक्षा में उत्तर देने के लिए किताब ले जाने की अनुमति प्रदान कर देते।
लालू ने रविवार को बक्सर जिले में एक नये स्कूल के उद्घाटन में वैशाली के महनार के एक स्कूल के चार मंजिल तक दीवारों पर चढकर और खिडकियों के छज्जे पर खडे होकर मैट्रिक परीक्षा में नकल कराते मीडिया में दिखाए जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे दीवार से छिपकिली चिपकी हुई है।
उन्होंने हंसते हुए कहा कि जहां एक तरफ नकल कराने वाले अभिभावक बिल्ली की तरह परीक्षा केंद्र के भीतर प्रवेश करने के प्रयास में लगे दिखायी पड रहे हैं, वहीं पुलिस को सोए हुए दिखाया गया है।
लालू ने कहा, ‘क्या फायदा है ऐसी पढाई से। उन्होंने प्रदेश के शिक्षा मंत्री पीके शाही के बयान पर कहा कि उनके बस की बात नहीं है तो लोगों ने लालू को क्यों सत्ता से हटाया। हमारे राज में यह सब काम क्या होता था।’ लालू ने कहा कि अगर हमारा शासन होता तो सबको परीक्षा में लिखने के लिए किताब ही दे देते। परीक्षा में किताब ले जाने की अनुमति दे दिए जाने पर भी नहीं पढ़ने वाले परीक्षार्थी उससे उत्तर नहीं तलाश सकते। एक प्रश्न का उत्तर देते देते तीन घंटे की अवधि खत्म हो जाएगी जिससे वे फेल हो जाएंगे।
उन्होंने मैट्रिक परीक्षा में कदाचार से देश में धूमिल हुई बिहार की छवि पर चिंता जताते हुए लोगों से कहा कि अब बाहर जाने उनकी डिग्री पर कोई विश्वास नहीं करेगा।
बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि वह लालू से सहमत हैं क्योंकि ‘ओपन बुक सिस्टम’ अमेरिका सहित विश्व के अन्य देशों में प्रचलित है। बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों से सुशील ने कहा कि परीक्षा में किताबों से वही प्रश्न का उत्तर ढूंढ सकता है जिसने उसे पढा होगा।
उन्होंने कहा कि ‘ओपन बुक सिस्टम’ एक अलग प्रणाली है। इसका परीक्षा में नकल से और मैट्रिक की परीक्षा में आज जो कुछ बिहार में हो रहा है उससे कोई संबंध नहीं है।
सुशील ने कहा कि एक तरफ हम जहां बिहार दिवस पर अपने प्रदेश के स्वाभिमान की बात कर रहे हैं, वहीं मैट्रिक परीक्षा में बडे पैमाने पर कदाचार और उनके मंत्री (पी के शाही) के बयान के कारण नीतीश कुमार के एक महीने के कार्यकाल में लोग शर्मिदगी महसूस कर रहे हैं।
सुशील ने कहा कि प्रदेश में सुशासन का क्या हाल है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि परसों मैट्रिक के उर्दू की परीक्षा के दौरान हिंदी का प्रश्न पत्र बांट दिये जाने के कारण आज हिंदी प्रथम पाली की परीक्षा रद्द करनी पडी है।
लालू के बयान पर बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद और शिक्षा मंत्री पी के शाही के बयान को देखा जाए तो लोगों को कोई आश्चर्य नहीं होगा। यह सरकार उसी प्रकार (पिछले राजद शासन काल) की है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि विधि व्यवस्था कायम रहता है या नहीं और उसे केवल गद्दी बचाने की चिंता है जिसके कारण सभी सहयोगी दल एक भाषा में बोलते हैं और खाना पूर्ति के लिए बडी-बडी घोषणाएं करते हैं।भाषा