गौ मांस गरीबों के प्रोटीन का स्त्रोत: TMC नेता

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में गौ मांस प्रतिबंधित कर दिए जाने का मुद्दा राज्यसभा में उठाया गया। सदन के कुछ सदस्यों ने कहा कि इससे राष्ट्र की सामाजिक संरचना पर असर पड़ेगा। वहीं शून्य काल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने गरीबों के प्रोटीन के स्रोत पर प्रतिबंध लगाया है।
ओब्रायन ने कहा कि महाराष्ट्र में गरीबों के प्रोटीन स्रोत गौ मांस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गौ मांस पर प्रतिबंध का असर किसानों पर पड़ेगा, क्योंकि महाराष्ट्र में बकरे के मांस (मटन) का 61 फीसदी अभाव है। उन्होंने ये भी कहा कि यह एक आर्थिक मुद्दा है, इससे मछली, मटन और चिकन के दाम बढ़ जाएंगे। बीमार और बूढ़े हो चुके पशुओं को नहीं मारा जाएगा और इसका असर किसानों पर पड़ेगा।
तृणमूल कांग्रेस के नेता का कहना है कि इससे राष्ट्र की सामाजिक संरचना पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि यह व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके राष्ट्र की सामाजिक संरचना को बदला जा रहा है। हम एक बहुत बड़े लोकतंत्र में रहते हैं। यह मेरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है कि मैं अपने घर क्या खाना चाहता हूं।
जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव सहित सदन के कुछ अन्य सदस्यों ने ओब्रायन का समर्थन किया, जबकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसका विरोध किया। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और इस पर बहस की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने सभापति से आग्रह किया कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है। इस पर बहस की अनुमति न दी जाए। उन्होंने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं और देश गौ माता की पूजा करता है।