किसानों पर 'मन की बात' में क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में देश के किसानों को लेकर कई मामलों पर बात की। मोदी ने इस कार्यक्रम में भूमि अधिग्रहण कानून सहित कई मुद्दों पर अनी राय रखी।
भूमि अधिग्रहण कानून के बारे में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2013 में जो कानून बना था उसमें हमने भी मदद किया। जब हमारी सरकार बनी तो राज्यों से आवाज उठी। कानून बनने के बाद राज्य सरकारें लागू नहीं कर रही थीं तो हमे लगा कि आनन फानन में कानून बनाने में कुछ कमियां रह सकती हैं।
मोदी ने कहा कि नए कानून में सरकार 13 कानूनों को शामिल किया। नए कानून के तहत किसानों को उनकी जमीन का चार गुना तक मुआवजा मिलेगा, परिवार के लोगों को नौकरी मिलेगी और विकसित जमीन का 20 प्रतिशत हिस्सा भी किसान के पास रहेगा।
विकास के लिए पहले सरकारी जमीन का उपयोग, फिर बंजर भूमि का उपयोग और फिर उपजाऊ जमीन पर हाथ लगाया जाए। निजी कारखानों के लिए किसानों से सहमति काम चालू है।
सरकारी काम के लिए नहीं ली जाएगी किसानों की राय

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा 'मैं मेरे किसानों को अफसर शाही के जाल में नहीं फंसाउंगा। क्या मैं राज्यों की बात सुनूं या नहीं, इतना बड़ा देश राज्यों की उपेक्षा करके नहीं चल सकता। ये जो सारे भ्रम फैलाए जा रहे हैं वो देश के विकास को का आगे न ले जाने के लिए हैं। हम किसान की भलाई के लिए सभी उपाय करने का प्रयास कर रहे हैं।'उन्होंने कहा गांवों को सड़क चाहिए, सिंचाई के साधन चाहिए तो जमीन का उपयोग भी करना पड़ेगा। निजी व्यवसायियों के लिए 2013 का कानून ही लागू होगा। नियत समय पर अगर जमीन पर काम पूरा नहीं होता तो वही होगा जो किसान चाहेगा।कभी एअर कंडीशन कमरों में बैठकर कानून बनाने वालों को गांव की सच्ची हकीकत नहीं पता होती। जिस जमीन पर सरकार काम करेगी उसके लिए किसानों के सहमति की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सरकार किसानों और सवा सौ करोड़ लोगों की ही है।
किसानों की फसल बर्बाद होन पर क्या बोले पीएम?

अपने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से कहा कि इस बार बेमौसमी बरसात महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों में नुकसान हुआ है। मैं इस संकट में आपके साथ हूं। मेरी सरकार राज्य सरकारों के साथ मिल कर बर्बाद हुई फसलों के बारे में बारीकी से जानकारी लेगी और किसानों की मदद करेगी।
इससे पहले मोदी ने मन की बात शुरू करते हुए किसानों को प्रणाम किया और बताया कि उनके पास भारी तादाद में किसानों से सुझाव मिले हैं जिन पर सरकार ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि अपने सवालों में कुछ किसानों में सिंचाई की चितां जताई, सड़क की दिक्कत, खाद की समस्या, बच्चों की पढ़ाई में दिक्कत और कुछ माताओं बहनों ने नशाखोरी पर भी जानकारी दी है।
मोदी ने कहा कुछ किसान भाइयों ने चिंता जाहिर की है कि दूसरों का पेट भरने वाले किसानों का भी पेट नहीं भरता, उनकी फसलों के बराबर दाम नहीं मिलते।