हमारी संस्कृति में जितने भी रीति-रिवाज, कर्म-कांड हैं आज उनका वैज्ञानिक महत्व देखा जा रहा है. उस काल में तमाम तरह के रीति-रिवाज तथा कर्म-कांड मानव जीवन के हितों और किसी खास उद्देश्य के लिए बनाये गये थे. जीवन में इस तरह से रीति-रिवाज जीने का एक सहारा और मकसद होता है. शकुनशास्त्र में पशु-पक्षियों और कीड़े मकोड़ों से होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं को जानने का तरीका बताया गया है. आइये जानते हैं कि यदि छिपकली शरीर पर गिर जाये तो क्या शुभ औरक्या अशुभ हो सकता है.

आप अपने घर में कई लोगों को छिपकली से डर कर भागते या चिल्लाते हुए देखा होगा. लेकिन यदि इसे किसी खास अवस्था में आप देखते हैं या यह आपके किसी अंग पर गिरता है तो इसके अलग-अलग लाभ और हानि होते हैं. शकुनशास्त्र में छिपकली के शरीर पर गिरने का भी बड़ा महत्व बताया गया है.
शकुनशास्त्र के अनुसार छिपकली का स्त्री और पुरूषों के अलग-अलग अंगों पर गिरने का फल अलग-अलग होता है. यदि छिपकली स्त्री के बाएं अंग पर गिरती है तो फल शुभ होगा परन्तु इसका दाएं अंग पर गिरना अशुभ माना जाता है. पुरूषों में यह ठीक उलटा होता है. अगर किसी की नाभि पर छिपकली गिर जाएं तो बड़ा ही शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा होने पर आपकी कोई बड़ी मनोकामना पूरी होने वाली है.

यदि कोई भोजन कर रहा हो उसी समय छिपकली मैथुन करता हुआ सामने आ जाए तो बड़ा ही शुभ माना जाता है. इससे कोई बड़ी खुशखबरी या लाभ मिलने के योग बनते हैं. छिपकली अगर किसी पुरूष के माथे पर दायीं ओर गिरती है तो निकट भविष्य में संपत्ति मिलने के योग बनते हैं. अगर स्त्री के माथे पर बायीं ओर छिपकली गिरे तो उन्हें भी लाभ होता है.
यदि किसी के दाएं कान पर छिपकली गिरता है तो यह लाभ का सूचक समझा जाता है. निकट भविष्य में आभूषण प्राप्ति की संभावना बनती है. साथ ही बाएं कान पर छिपकली का गिरना उम्र बढ़ने का संकेत माना जाता है. किसी व्यक्ति के दायें पैर के तलवे पर छिपकली गिरे तो इसका मतलब है धन संपत्ति की प्राप्ति होगी. जबकि दाएं पैर या एड़ी पर छिपकली गिरे तो लाभप्रद यात्रा के योग बनते हैं. अगर यही बाएं पैर पर गिरे तो आर्थिक नुकसान हो सकता है