जौनपुर। बक्शा स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर तालाब में बीते तीन दिनों से करीब डेढ़ सौ मछलियां मर गई हैं। एक-एक मछली का वजन दस किलो से अधिक बताया जा रहा है। फिलहाल मंदिर पुजारी द्वारा मृत रोहू मछलियों को जमीन में गड़वा दिया गया। लोग मछलियों के मरने का कारण किसी शरारती तत्वों द्वारा जहर मिलाने की बात कह रहे हैं। वहीं मत्स्य विशेषज्ञ ज्यादा गंदगी, कीचड़ व आक्सीजन की कमी इनके मरने का कारण बता रहे हैं।
मंदिर स्थित तालाब में रोहू मछली के अलावा कामनकार, सिल्वर, भाकूर आदि प्रजाति की मछली बड़े पैमाने पर है। बीते रविवार की सुबह रोहू प्रजाति की बड़ी-बड़ी मछलियां मृत अवस्था में पानी से उतराई देखी गई। सोमवार को पुन: देखी गई तो बाबा राम अवध के कहने पर कुछ सहयोगियों ने सैकड़ों मछली निकालकर जमीन में गाड़ दिया। मंगलवार को पुन: उसी प्रजाति की मृत मछलियां देख लोगों को किसी अनहोनी की चिंता हुई। लोग तरह-तरह की बातें करते रहे। इस संबंध में मत्स्य विभाग के अधिकारी एवं विशेषज्ञ डा. अरविन्द मिश्र ने बताया कि अगर तालाब में सिर्फ एक प्रजाति रोहू मछली मर रही है तो तालाब निश्चित रुप से कीचड़ युक्त हो गया है। गंदगी के कारण रोहू मछली को आक्सीजन नहीं मिल पा रहा होगा। बचाव हेतु सफाई व तालाब में स्वच्छ पानी आवश्यक है।
