जौनपुर। गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले के विभिन्न स्थानो पर बिना रजिस्ट्रेशन व अप्रक्षित कर्मियो द्वारा पैथालाजी सेण्टर का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिसका खामियाजा मरीजो को भुगतना पड़ रहा है। जहां मरीज की जेब खाली हो रही है वहीं गलत जांच से उनके जान का खतरा भी बना रहता है। शासन ने पैथालाजी केन्द्र ख¨लने के लिए व उसमें परीक्षक रखने का अलग सेदिशा दिशा निर्देश निर्धारित किये है। मगर इसमें एक बिन्दु का पालन नहीं होता। जबकि विभाग को ले देकर छोटी सी दुकानो में पैथालाजी सेण्टर खोलकर मरीजो का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। शासन का यह भी आदेश है कि इन पैथलाजी की समय समय पर जांच व अभिलेखो का निरीक्षण किया जाय। ताकि किसी मरीज के साथ धोखा न हो सके। मगर अभी तक जिले में ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है। कई मामलो में देखा गया है कि पैथालाजी सेण्टर से जांच कराने पर अलग रिपोर्ट मिलती है और मरीज पशोपेश में पड़ जाता है। इन अवैध पैथालाजी केन्द्रां को स्वास्थ्य विभागके अधिकारी व कर्मचारी आश्रय दे रहे हैं। मरीजो को निरोग करने तथा रोग पकड़ने के लिए पैथालाजी केन्द्रांे का अपना अलग महत्व है। लेकिन जब इसका संचालन अप्रक्षिक्षित लोग करेगें तो फायदा होने के बजाय नुकसान होगा। पूरे जनपद में अवैध पैथालाजी केन्द्रो की भरमार है मगर इनमें से नाममात्र का ही रजिस्ट्रेशन है।
