जौनपुर। काटकर रखी गयी फसलें खेत में भीग कर सड़ रही हैं और अन्नदाताओं की नींद उड़ गयी है। गांवों में सियापा छाया है। बार बार बरसात और आंधी से बर्बादी का जो मंजर दिखाई दे रहा है उसे देखकर लोगों का कलेजा बैठा जा रहा है। प्रकृति की यह बेदर्दी अब असहनीय हो गयी है। बुजुर्ग किसानों का कहना है कि पहले ऐसी आफत नहीं देखी थी कि अषाढ़ में सावन भादों की तरह वर्षा हो। ज्ञात हो कि मंगलवार की रात में आंधी पानी ने जमकर तबाही फैलायी। दिन भर की तेज धूप के दौरान किसानों ने अपनी फसलों को सुखाया और मड़ाई के लिए तैयारी कर रहे थे कि मूसलाधार वर्षा से फिर गेहूं , अरहर, चना, मटर आदि भीग कर खराब हो गयी। बार बार बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों को इसी फसल के भरोसे शादी विवाह, शिक्षा और बीमारी आदि का इन्तजाम करना था लेकिन आनाज खेत से घर नहीं पहुंच पा रहा है।
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