लखनऊ। यूपी लोकसेवा आयोग की तरफ से कराई जाने वाली पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का पेपर रविवार को आउट हो गया। इसके बाद सरकार ने परीक्षा रद्द कर मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। परीक्षा के करीब एक घंटे पहले ही पीसीएस परीक्षा के पर्चे पांच-पांच लाख रुपये में बिकने लगे।
यूपी एसटीएफ ने जांच के बाद पाया कि पर्चा लीक हो चुका है। पेपर आउट होने की जानकारी मिलते ही अभ्यर्थियों में नाराजगी फैल गई। तमाम जगहों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा और बवाल भी किया। 1937 में बने यूपी लोकसेवा आयोग के इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब पीसीएस का पेपर आउट हुआ है। इसे लेकर आयोग के चेयरमैन और सदस्य जांच के घेरे में आ गए हैं।
पेपर बेचने वालों ने सोशल साइट व्हाट्सअप का सहारा लिया। पैसे का भुगतान करने पर पर्चे व्हाट्सअप पर भेज दिए गए। इसका खुलासा होते ही हड़कंप मच गया। डीजीपी एके जैन ने यूपी एसटीएफ को जांच के आदेश दिए। और अगले कुछ ही घंटों में ये साफ हो गया कि पेपर आउट हो चुका है। जिसके बाद सरकार ने पेपर रद्द कर घटना की जांच के आदेश दे दिए।
यूपी एसटीएफ ने जब परीक्षा में आए प्रश्नों का मिलान कराया तो पता चला कि 150 में से पूरे 150 प्रश्न लीक हुए हैं। यूपी एसटीएफ अब इस घटना के मास्टरमाइंड की तलाश में जुट गई है। इसके लिए कई टीमें भी गठित कर दी गई हैं। उधर पेपर रद्द होने की खबर मिलते ही छात्रों में गुस्से की लहर दौड़ गई। अभ्यर्थियों ने परीक्षा केंद्रों पर हंगामा शुरू कर दिया।
अभ्यर्थियों की मांग थी कि लोकसेवा आयोग के चेयरमैन अनिल यादव को बर्खास्त किया जाए। छात्रों ने लखनऊ और इलाहाबाद में आयोग के दफ्तर भी घेर लिए। पुलिस को हालात काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस बीच मीडिया जब आयोग के दफ्तर पहुंची तो वहां आयोग के अफसरों ने मीडिया से भी धक्का मुक्की की।
( यही है वो पेपर जो परीक्षा से पहले ही मार्केट में आ गया)





