सब्जियों पर महंगाई की मार, राहत के नहीं आसार!

श्रवण शुक्ल
नई दिल्ली। मार्च की बेमौसम बारिश ने सब्जियों को लोगों की थाली से दूर कर दिया है। मौजूदा समय में दिल्ली के फुटकर बाजार में सब्जियां 2 गुनी तक महंगी बिक रही हैं। फलों के दाम में भी 60-70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चूंकि बारिश की आशंका अब भी बनी हुई है इसलिए सब्जियों के महंगे जायके के फिलहाल सस्ता होने के आसार नहीं हैं।
दरअसल, मार्च के महीने में लगातार हो रही बारिश से सब्जियां खेतों में बर्बाद पड़ी हैं। बची-खुची सब्जियों को मार्केट तक पहुंचाने में भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। दिल्ली की बड़ी सब्जी मंडियों में सब्जियों की आवक में 65 फीसदी तक की कमी आई है। आम दिनों में ओखला मंडी में हर दिन 150 ट्रक तक आते थे, लेकिन बीच में ये आंकड़ा 15-20 ट्रक तक गिर गया। अब भी 35-40 ट्रक ही मंडी में आ रहे हैं। जो मांग और आपूर्ति में बड़े अंतर को दर्शाने के लिए काफी हैं। कुछ ऐसे ही हालात दिल्ली में सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर सब्जी मंडी की है।
ओखला मंडी में सब्जियों के बड़े कारोबारी नवनीत सैनी बताते हैं कि बारिश से काफी फर्क पड़ा है। दिल्ली के आसपास के 200-300 किमी के दायरे से जो सब्जियां यहां आती थीं, वो लगभग 60-70% नष्ट हो चुकी हैं। बाहर से आने वाली सब्जियों के भाव बढ़ चले हैं। जौहरी लाल पवन कुमार नाम से फर्म चलाने वाले नवनीत सैनी ने कहा कि बारिश की वजह से हरी सब्जियां लगभग 1 माह तक लेट हो चुकी हैं। आलू-प्याज जैसी सब्जियों के दाम स्थिर हैं, लेकिन पालक, भिंडी, मटर जैसी हरी सब्जियां लगभग दो गुनी महंगी हो चली हैं।
सब्जी---------मौजूदा भाव-------बारिश से पहले के भाव
गोभी---------20-25-----------8-10
मटर---------40-50-----------20-25
भिंडी---------55-60-----------35-40
मिर्ची---------70-80-----------30-40
शिमला मिर्च----40-50-----------27-30
करेला---------50-55-----------25-30
टमाटर--------32-36-----------22-25
पालक---------25-30-----------15-20
लौकी----------15-20-----------10-15
ओखला में ग्रीन वेजिटेबल कंपनी नाम से सब्जियों के बड़े कारोबारी संदीप सिंह का कहना है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में नई फसलें बची नहीं हैं इसलिए ये महंगी हुई हैं। दरअसल, बाहर से आने वाली सब्जियों के दामों में किराया-भाड़ा और खराब सब्जियों को हटाने पर काफी खर्च आ रहा है। वो कहते हैं कि दिल्ली से सटे राज्यों यूपी, हरियाणा में बारिश हुई है। वहीं, राजस्थान, अहमदाबाद, बेंगलुरू से सब्जियों के आने में काफी खर्च आ रहा है। आपूर्ति कम है, जबकि मांग ज्यादा।
गौरतलब है कि मार्च की शुरुआत से ही खराब हुए मौसम के चलते संतरा, आम, अंगूर और अनार के साथ ही गेहूं, दलहन, तिलहन सभी फसलों को नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों की ओर से हर साल होने वाली लगभग 5 लाख टन फलों के बदले महज 20-25 फीसदी तक ही सप्लाई हो पाएगी। चूंकि मौसम विभाग मार्च के आखिरी सप्ताह में फिर से बारिश के लौटने की आशंका जता चुका है। ऐसे में तय है कि सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी होगी। ऐसे में आम लोगों की जेब और सेहत पर झटका लगना लाजिमी है।