रोटी के लिए रखते हैं जान हथेली पर
जौनपुर । पेट भरने के लिए बच्चे ही नहीं पूरा परिवार हैरत अंगेज कारनामें दिखाने के लिए दर दर भटकता रहता है। ढोलक बजाकर भीड़ इकठ्ठा करना और बाजीगरी का खेल तमाशा दिखाने के बाद भीड़ के आगे थाली फैला देना उनकी रोजमर्रा की जिन्दगी बन गयी है। जहां इनका मजमा लग जाता सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र हो जाती लेकिन उनकी थाली में चन्द्र सिक्के ही आते हैं लोग तमाशा देखकर खिसक लेते हैं। खाना बदोश की तरह जिन्दगी बिता रहे इस प्रकार के परिवार के बच्चे स्कूल का मुंह नहीं देखते। शासन प्रशासन की किसी योजना का लाभ इन्हे नहीं मिलता। सवेरे से देर रात तक शहर से गांव तक करतब दिखाना और रोटी का इन्तजाम करना इनकी नियत बन गयी है। खतरनाक कारनामें करते समय इनकी जान का खतरा बना रहता है। मासूम बच्चियां दो बांस के बीच मंे तनी रस्सी पर चलती है और उनके सिर पर कई बर्तन भी रखे होते है। छोटे बच्चे अपने शरीर को रिग से बाहर निकालते है तो लगता है कि उनका शरीर मोम का बना है और हड्डियां हैं नहीं । नट परिवार से जुड़े यह परिवार पूरे जीवन खेल तमाशा दिखाकर लोगों का मनोरंजन करते हैं लेकिन उनके जीवन में मनोरंजन नाम की कोई चीज नहीं होती। फिल्मी गानों के धुन पर करतब दिखाकर ये लोग दातों तले अंगुलियां दबाने के लिए विवश कर देते हैं। भीड़ इनके तमाशे पर तालियां बजाती है और जेब से फुटकर पैसे निकालकर फेकती है इसी से यह पूरे परिवार का गुजन बसर करते है। रोज कमाना और खाना इनका जीवन का हिस्सा है।
