जौनपुर । साहित्यिक और सामाजिक संस्था अपूर्वा भारती के तत्वावधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एंव मुशायरे का आयोजन इग्लिश क्ल भारती नगर में किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डा0 पीसी विश्वकर्मा ने किया। मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री ओम प्रकाश श्रीवास्तव व विशिष्ट अतिथि दीना नाथ सिंह रहे। अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वाणी वन्दना हरिप्रसाद त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया। प्रथम सत्र का संचालन सभाजीत द्विवेदी प्रखर व कमलेश राजहंस सोनभद्र ने किया। सरंक्षक वीर सेन वीर ने संस्था का परिचय देते हुए उद्देश्य व भविष्य की योजना पर प्रकाश डाला। अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संयोजक राधेश्याम पाण्डेय ने अतिथियों व कवियों को सम्मानित किया। पीयूष रामचन्दन ने कई रचनायें प्रस्तुत किया जो सराही गयी। कौसर भदोही और विभा सिंह ने अनेक रचनाओं से श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। लालजी यादव झगड़ू भइया ने अपनी कविताओं में राजनीत पर करारा व्यग्य करते हुए राजनीति पर चोट किया। सतना मध्य प्रदेश से पधारे हास्य के शसक्त हस्ताक्षर अशोक सुन्दर ने अपनी रचनाओं से लम्बे समय तक वाहवाही लूटी। सुरयना त्रिपाठी इलाहाबाद ने अपनी रचनाओं से लम्बे समय तक श्रोताओं को बांधे रखा। सतीश मनकापुर गोण्डा ने अपने छन्दों व गीतों से कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां प्रदान की। रंजना राय वाराणसी ने कहा कि कहा कि रास्ते का अंधेरा मिटा दीजिये। चांदनी रास्ते पर बिछा दीजिये। संचालक राजहंस ने कहा कि गांवों मंें आओ दिखाऊं तुझेबखरी, बलिदान मिलेगा, बिना दूध का बचपन बीता तरूणाई को भूख खा गयी। गिरीश द्विवेदी, ओम प्रकाश, कौसर आदि ने काब्य पाठ किया। इस अवसर पर डा आशुतोष उपाध्याय, सन्तोष श्रीवास्तव, बीडी सिंह एडवोकेट, हरिनाथ शुक्ल, प्रेम प्रकाश मिश्र, उमाकान्त गिरी आदि मौजूद रहे।