जौनपुर। नगर पालिका परिषद जौनपुर के बोर्ड बैठक शुक्रवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई। वजह कि पुराने मामले में कार्रवाई न होने से सभासदों ने एजेंडे पर चर्चा करने से हाथ खड़ा कर दिया जिससे वर्षभर के 92 करोड़ का बजट भी पास नहीं हो सका। सदन में सदस्यों ने जलकल में खराब सामानों की आपूर्ति करने वाली संस्था की सप्लाई पर रोक लगाने की मांग की। साथ ही बोर्ड में राज्यमार्ग पर लगाई गई लाइटों का फर्जीवाड़ा भी सामने आया। बोर्ड मीटिंग में ईओ के न पहुंचने पर सदस्यों ने विरोध किया साथ ही उन्हें कार्यमुक्त करने की सहमति प्रदान की।
बोर्ड की मीटिंग करीब दो बजे चेयरमैन दिनेश टंडन की अध्यक्षता में शुरू हुई। पर्यवेक्षक एसडीएम शिव सिंह की मौजूदगी में सदन की कार्रवाई शुरू हुई। सभासद नंदलाल यादव ने कहा कि जब बोर्ड की पिछली बैठक में क्या हुआ इस बात की जानकारी नहीं है तो आगे किस बात पर चर्चा की जाए इसलिए पिछले बोर्ड मीटिंग की पुष्टि की फोटो कापी उपलब्ध कराई जाए। इसके बाद आधे घंटे के अंदर सभी को पुष्टि की फोटो कापी उपलब्ध कराई गई। सभासद साजिद अलीम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर जहां सार्वजनिक अवकाश है, वहीं इस मी¨टग का क्या औचित्य है। इस पर चेयरमैन ने कहा कि बैठक पूर्व में निर्धारित थी और अवकाश की घोषणा गुरुवार की सायं हुई। मुकेश सिंह व रेनू पाठक ने कहा कि जलकल में एक ही संस्था के खराब सामानों की आपूर्ति के बाद भी उसकी सप्लाई बंद नहीं की जा रही है। इसको खराब आपूर्ति के कारण आठ बार नोटिस भेजा जा चुका है। विष्णु सेठ ने कहा कि उनके वार्ड में संबंधित संस्था की तरफ से ट्यूबवेल की मशीन लगाई गई थी। यह 15 माह बाद भी एक दिन भी ठीक ढंग से नहीं चल रही है। रोजाना कोई खराबी आ जाती है। यही शिकायत बसंत प्रजापति ने करते हुए कहा कि उनके वार्ड में लगी मशीन रोजाना खराब रहती है। एक स्वर में सभी ने संबंधित संस्था की सप्लाई पर रोक की संस्तुति की।
