मिर्जापुर। बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल में पारिवारिक विवादों के चलते गुरुवार को मिर्जापुर से लोकसभा सांसद अनुप्रिया पटेल को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। पार्टी कमान ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। गुरुवार को अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल ने मीटिंग की और सांसद अनुप्रिया को पार्टी से निकाले जाने का एलान किया। इस फैसले के बाद अपना दल दो खेमे में बंट गया है। पार्टी के कई नेता कृष्णा तो कुछ नेता अनुप्रिया के साथ खड़े होते दिख रहे हैं।
अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया को पार्टी से निकालने की जो वजह बताई है वह आश्चर्यजनक है। उन्होंने बताया, 'गुरुवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक लखनऊ के दारुलशफा में होनी थी। बैठक के लिए हॉल भी बुक किया गया था, जब पार्टी के सदस्य वहां पहुंचे तो दारुलशफा के व्यवस्थाधिकारी ने हॉल देने से मना कर दिया और कहा कि सांसद अनुप्रिया पटेल का पत्र आया है कि हॉल हमारे नाम से बुक करा दिया जाए। इस वजह से पार्टी की मासिक बैठक प्रभावित हुई है। इसके बाद पार्टी सदस्यों की सर्वसम्मति से अनुप्रिया पटेल को बर्खास्त कर दिया गया।'
अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने लिखित बयान जारी करके अपनी बेटी अनुप्रिया पटेल पर सियासी साजिश रचने का आरोप लगाया है। मां कृष्णा पटेल का कहना है कि साजिश के तहत 20.10.2014 को मेरे और कार्यालय सचिव की अनुपस्थिति में लखनऊ कार्यालय में बैठक कर मेरे (राष्ट्रीय अध्यक्ष) के सभी अधिकार खुद प्राप्त कर लिए और मीडिया में उछाला कि वे ही दल में सर्वेसर्वा हैं और केन्द्रीय कार्यालय के अभिलेख में छेड़छाड़ की। इसके साथ अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष छोटेलाल मौर्य, प्रदेश संगठन प्रमुख आनन्द हीरा राम सहित कई जिले के अध्यक्षों को पार्टी से असंवैधानिक तरीके से बाहर कर दिया और मीडिया के सामने पार्टी के संविधान की दुहाई दी।
कृष्णा पटेल ने आरोप लगाया है कि अनुप्रिया पटेल विधायक बनते ही अपना दल में तानाशाही भरा व्यवहार करने लगी थीं। वह अपने को राष्ट्रीय महासचिव की जगह प्रधान राष्ट्रीय महासचिव लिखने लगी थीं, जिससे दल में राष्ट्रीय महासचिव की तरह कार्य कर रहे अन्य पदाधिकारी अपने को असहज महसूस करने लगे थे। लेकिन बेटी होने के कारण मैं यह सब बर्दाश्त करती रही।
